यादों के झरोखे में सिमटी है कई यादे भूले बिसरे पल जिनमें टूटे है कई रास्ते दर्द सी बनी है ये राते गुस्ताखीयो में मिलती है यारों की बाते ना जाने कहाँ खो गए हैं किताबों के पन्नों से हो गए हैं मेरे कमीने यार! -khush #december #day08