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"इंकलाब" का नारा उसने जब असेंबली मे बोला था कांप

 "इंकलाब" का नारा उसने जब असेंबली मे बोला था
 कांप उठा था जर्रा जर्रा, उनका सिंहासन डोला था 
जीवित हो गया वो शीश नवाँ कर, माँ को आजाद कराने को
 वो धरतीपुत्र, वो भगत सिंह, जिसका रंग दे बसंती चोला था
~बेख़ौफ़ परिंदा 
ये संपूर्ण भारत देश आपका ऋणी रहेगा 🙏🙏
#BhagatSingh
 "इंकलाब" का नारा उसने जब असेंबली मे बोला था
 कांप उठा था जर्रा जर्रा, उनका सिंहासन डोला था 
जीवित हो गया वो शीश नवाँ कर, माँ को आजाद कराने को
 वो धरतीपुत्र, वो भगत सिंह, जिसका रंग दे बसंती चोला था
~बेख़ौफ़ परिंदा 
ये संपूर्ण भारत देश आपका ऋणी रहेगा 🙏🙏
#BhagatSingh