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पहले सोचा रहने देते हैं, फिर सोचा आखिर किसके लिए?

पहले सोचा रहने देते हैं,
फिर सोचा आखिर किसके लिए?

बेशक!प्यार एक शख्स से ही होता है,
पर बेगैरत लोग सिर्फ बुरा वक्त थे।

©Pràteek Siñgh
  #alone #ख़ुद की #बेहतरी के #ख्याल से #संवरती है, #जिन्दगी आगाज़ से #चलकर ही #मुकाम तक #पहुंचती है।