व्योम सौ तू,मैं धरा बाबरे मनवा! यौ तूने का करा? सेतु न कौई मिलन कौ अपने रेत सो हाथ से बहिगै सार सपने कवहूं बने निर्भीक, कवहूंं रह जावै यौ मन डरा बाबरे मनवा! यौ तूने का करा? ओरे कन्हैया मौरे! काहै कौ यौ जुल्म, मौह पे करा प्रेम बंधन में, काहै कौ यौ मन पङा? ©ekta #hindiliterature #love #Poetry #soulmate #hindilinespoerty #poem