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तुम यहाँ हो छिपे क्यूँ रूठकर हमसे, चलो चुप से लौट

तुम यहाँ हो छिपे
क्यूँ रूठकर हमसे,
चलो चुप से लौट चलो
कतरा कतरा जो तूने बुना
हर ख्वाब जो तूने चुना
वह थम से गए हैं
वह बदरंग भी हैं
इस तरह हो दूर तुमसे
इस तरह हो दूर तुमसे।।

©Rajiv Jiya Kumar
  #दिल की बात

#दिल की बात #ज़िन्दगी

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