किसी की, किसी के बिना जिंदगी अधूरी नहीं होती,
मोहब्बत मिल जाय फिर भी कहानी पूरी नहीं होती
सुना है शहर-ए-इश्क़ में किसी की तरजीह नहीं होती,
होता गर ऐसा तो मीरा भी कान्हा की दिवानी नहीं होती.
मोहब्बत के खातिर दुनियां की बदनामी सहनीं पड़ती है,
वर्ना यूँ ही कोई नर्तकी बाजीराव की मस्तानी नहीं होती.