खुदा ने सबको हवा, घड़ी और आशमान सामान दिया है, फिर सोच में क्यों है बन्दे की गरीबी सिर्फ तेरे मकान में दिया है। सोच और उड़ान तो तेरे हौसलों में ही हैं समाई , नजरिया बदल तुझे भी एक अलग निशान दिया है ।। खुदा ने सबको अलग पहचान दिया है