Nojoto: Largest Storytelling Platform

खामोशी के लब्ज बड़े गहरे होते हैं । ये वो कह जाते

खामोशी के लब्ज बड़े  गहरे होते हैं ।
ये वो कह जाते हैं  जो लब नही कहते हैं ।
आँखो  से कह जाती  जो बाते आंखे 
होटों  से सदियों  तलक हम  कह  नही पाते
चंदा  सूरज  से कहता और  सूरज  चंदा से 
वक्त  क हर पन्ने  पर तेरी मेरी  यारी । अंतस *
खामोशी के लब्ज बड़े  गहरे होते हैं ।
ये वो कह जाते हैं  जो लब नही कहते हैं ।
आँखो  से कह जाती  जो बाते आंखे 
होटों  से सदियों  तलक हम  कह  नही पाते
चंदा  सूरज  से कहता और  सूरज  चंदा से 
वक्त  क हर पन्ने  पर तेरी मेरी  यारी । अंतस *