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"सुबह हो गयी, शांत मन , शांत वातावरण । कित

"सुबह  हो  गयी,  शांत  मन , 
शांत  वातावरण ।  
कितना खूबसूरत है  सबकुछ। 
नींद से जागे नयन, ढेरो  ख्वाब 
समेटे  अब  भी  बैठे  हुए  है । 
कह  रहें  हो  जैसे, आहिस्ता -
आहिस्ता  कदम  रखना । 
काँच  के  ख़्वाब  है ,  काँच  के 
बिछौने  से  लिपटे  हुए । 
कही टूट गए तो दर्द तुम्हे भी होगा...!!" #नींद_ख्वाब #काँचकाबिछौना #काँचकेख्वाब #प्रभात_कविता 
#सुचितापाण्डेय #मेरीकवितामेरादर्द #yqdidihindipoetry
"सुबह हो गयी, शांत मन, शांत वातावरण।  
कितना खूबसूरत है सबकुछ। 
नींद से जागे नयन ढेरो ख्वाब समेटे अब भी
बैठे हुए है। 
कह रहें हो जैसे, आहिस्ता-आहिस्ता कदम
रखना।
"सुबह  हो  गयी,  शांत  मन , 
शांत  वातावरण ।  
कितना खूबसूरत है  सबकुछ। 
नींद से जागे नयन, ढेरो  ख्वाब 
समेटे  अब  भी  बैठे  हुए  है । 
कह  रहें  हो  जैसे, आहिस्ता -
आहिस्ता  कदम  रखना । 
काँच  के  ख़्वाब  है ,  काँच  के 
बिछौने  से  लिपटे  हुए । 
कही टूट गए तो दर्द तुम्हे भी होगा...!!" #नींद_ख्वाब #काँचकाबिछौना #काँचकेख्वाब #प्रभात_कविता 
#सुचितापाण्डेय #मेरीकवितामेरादर्द #yqdidihindipoetry
"सुबह हो गयी, शांत मन, शांत वातावरण।  
कितना खूबसूरत है सबकुछ। 
नींद से जागे नयन ढेरो ख्वाब समेटे अब भी
बैठे हुए है। 
कह रहें हो जैसे, आहिस्ता-आहिस्ता कदम
रखना।

#नींद_ख्वाब #काँचकाबिछौना #काँचकेख्वाब #प्रभात_कविता #सुचितापाण्डेय #मेरीकवितामेरादर्द #yqdidihindipoetry "सुबह हो गयी, शांत मन, शांत वातावरण। कितना खूबसूरत है सबकुछ। नींद से जागे नयन ढेरो ख्वाब समेटे अब भी बैठे हुए है। कह रहें हो जैसे, आहिस्ता-आहिस्ता कदम रखना। #suchitapandey