रंग सनातन नेह निलय के उगते हैं नयनों में झिलमिल अश्रुपूर्ण अंतर्गत में तुम इंद्रधनुष सी खिल जाती हो जब भीगामन तुम्हें पुकारे धूप धाम उर में आती हो रोम-रोम अकुलाता विह्वल स्निग्द्ध पवन बन सरसाती हो कण-कण, रव-रव आलोकित हो माँ! फिर भी तुम याद बहुत आती हो #toyou#yqlove#yqresonance#yqreflection#missyoumummy