कितनी हैरान परेशान है सबकी खामोशी, सब कह कर भी ना कह पाने की बेबसी, हर किसी को तलाश उसकी जो घावों पर मरहम सी, शिकवें शिकायतें अब सब खत्म तलाश बस मंजिल की, क्यों भागती जिंदगी जैसे खोज किसी जन्नत की, कोई भूख से परेशान किसी की भूख नहीं होती शांत, किसी के लिए दो वक्त की रोटी ही उसका अरमान, तो कोई नित नयी अपनी ख़्वाहिश से परेशान, क्यों? हर पल ठगा-ठगा सा रहता इंसान, सब की मौजूदगी पर भी दिल को नहीं कहीं करार, जिंदगी ने पकडी़ रफ्तार तिनका-2 मतलब के बचे रिश्तेदार, खुद को ढूँढते-2 अनंत खामोशी में घिरा मानव, अब ढूँढ़ने की दरकार नहीं पल भर में मिल जाते दानव, उफ़! कितना शोर है ना इस खामोशी में..., कभी खामोशी से पता करो ना उसके खामोश होने का राज। ©Priya Gour 🖤🖤 खामोशी खामोश बिल्कुल नहीं होती अपने अंदर समेटे होती हैं अनेक तूफान... सबकी समस्याएं अनेक हैं बस प्रभु सबको हल दे 💫सकारात्मकता दे 🖤 #realityoflife #RandomThought #खामोशी #nojotowriters #Quote #6Jan 10:36