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यार कॉमरेड, कल वैलेंटाइन डे है।वहीं दिन जिस दिन का

यार कॉमरेड,
कल वैलेंटाइन डे है।वहीं दिन जिस दिन का इंतजार मैंने सोलह साल के बाद आने वाली हर साल तक किया था। मैं नादान सोचता था कि शायद इस दिन तुम मुझे और मेरे प्रेम को अपना लोगी।लेकिन मैंने कभी जताया ही नहीं जो मेरे ह्रदय में तुम्हारे प्रति था।मेरा प्रेम सीमित था,क्लास की सीटों ,दीवारों और रफ़ कॉपियों पर तुम्हारे संग लिखे मेरे नाम तक।तुम,जिसे मेरे दोस्त भाभी बुलाते थे।पता नहीं क्यूं लेकिन इतना जरूर जानता हूं कि तुम्हारे संग मेरा नाम,तुम्हारी शादी के कार्ड पर भले ही न रहा।लेकिन हमारी क्लास के हर लड़के- लड़की की जुबान पर मेरे साथ तुम्हारा नाम आज भी जोड़ा जाता है।तुम्हारे लिए किए गए मेरे जतन और प्रयत्न मेरे जीवन के सर्वश्रेष्ठ प्रयत्नों में से थे।मैंने 12 वी से पहले हर वैलेंटाइन डे पर तुम्हारे लिए गुलाब खरीदा था लेकिन कभी दिया नहीं था।लेकिन बारहवी में मैंने हिम्मत और पैसे जुटा कर तुम्हे जो गुलाब दिया था वो मेरे जीवन का सबसे बहुमूल्य खर्चा था।तुम्हारी खामोशी ने उस रोज मेरा दिल नहीं बल्कि भ्रम तोड़ा था।वैसे सच बताऊं तो चीजों का बेवजह जुड़े रहने से अच्छा है टूटकर खुद की पहचान बनाना।आज मुझे नहीं पता मैं क्या हूं लेकिन इतना जरूर जानता हूं कि मैं जो भी हूं उसकी वजह तुम हो।....#जलज कुमार राठौर
#happy valentine day @dear_Comrade

©JALAJ KUMAR RATHOUR यार कॉमरेड,
कल वैलेंटाइन डे है।वहीं दिन जिस दिन का इंतजार मैंने सोलह साल के बाद आने वाली हर साल तक किया था। मैं नादान सोचता था कि शायद इस दिन तुम मुझे और मेरे प्रेम को अपना लोगी।लेकिन मैंने कभी जताया ही नहीं जो मेरे ह्रदय में तुम्हारे प्रति था।मेरा प्रेम सीमित था,क्लास की सीटों ,दीवारों और रफ़ कॉपियों पर तुम्हारे संग लिखे मेरे नाम तक।तुम,जिसे मेरे दोस्त भाभी बुलाते थे।पता नहीं क्यूं लेकिन इतना जरूर जानता हूं कि तुम्हारे संग मेरा नाम,तुम्हारी शादी के कार्ड पर भले ही न रहा।लेकिन हमारी क्लास के हर लड़के- लड़की की जुबान पर मेरे साथ तुम्हारा नाम आज भी जोड़ा जाता है।तुम्हारे लिए किए गए मेरे जतन और प्रयत्न मेरे जीवन के सर्वश्रेष्ठ प्रयत्नों में से थे।मैंने 12 वी से पहले हर वैलेंटाइन डे पर तुम्हारे लिए गुलाब खरीदा था लेकिन कभी दिया नहीं था।लेकिन बारहवी में मैंने हिम्मत और पैसे जुटा कर तुम्हे जो गुलाब दिया था वो मेरे जीवन का सबसे बहुमूल्य खर्चा था।तुम्हारी खामोशी ने उस रोज मेरा दिल नहीं बल्कि भ्रम तोड़ा था।वैसे सच बताऊं तो चीजों का बेवजह जुड़े रहने से अच्छा है टूटकर खुद की पहचान बनाना।आज मुझे नहीं पता मैं क्या हूं लेकिन इतना जरूर जानता हूं कि मैं जो भी हूं उसकी वजह तुम हो।....#जलज कुमार राठौर
#happy valentine day @dear_Comrade
यार कॉमरेड,
कल वैलेंटाइन डे है।वहीं दिन जिस दिन का इंतजार मैंने सोलह साल के बाद आने वाली हर साल तक किया था। मैं नादान सोचता था कि शायद इस दिन तुम मुझे और मेरे प्रेम को अपना लोगी।लेकिन मैंने कभी जताया ही नहीं जो मेरे ह्रदय में तुम्हारे प्रति था।मेरा प्रेम सीमित था,क्लास की सीटों ,दीवारों और रफ़ कॉपियों पर तुम्हारे संग लिखे मेरे नाम तक।तुम,जिसे मेरे दोस्त भाभी बुलाते थे।पता नहीं क्यूं लेकिन इतना जरूर जानता हूं कि तुम्हारे संग मेरा नाम,तुम्हारी शादी के कार्ड पर भले ही न रहा।लेकिन हमारी क्लास के हर लड़के- लड़की की जुबान पर मेरे साथ तुम्हारा नाम आज भी जोड़ा जाता है।तुम्हारे लिए किए गए मेरे जतन और प्रयत्न मेरे जीवन के सर्वश्रेष्ठ प्रयत्नों में से थे।मैंने 12 वी से पहले हर वैलेंटाइन डे पर तुम्हारे लिए गुलाब खरीदा था लेकिन कभी दिया नहीं था।लेकिन बारहवी में मैंने हिम्मत और पैसे जुटा कर तुम्हे जो गुलाब दिया था वो मेरे जीवन का सबसे बहुमूल्य खर्चा था।तुम्हारी खामोशी ने उस रोज मेरा दिल नहीं बल्कि भ्रम तोड़ा था।वैसे सच बताऊं तो चीजों का बेवजह जुड़े रहने से अच्छा है टूटकर खुद की पहचान बनाना।आज मुझे नहीं पता मैं क्या हूं लेकिन इतना जरूर जानता हूं कि मैं जो भी हूं उसकी वजह तुम हो।....#जलज कुमार राठौर
#happy valentine day @dear_Comrade

©JALAJ KUMAR RATHOUR यार कॉमरेड,
कल वैलेंटाइन डे है।वहीं दिन जिस दिन का इंतजार मैंने सोलह साल के बाद आने वाली हर साल तक किया था। मैं नादान सोचता था कि शायद इस दिन तुम मुझे और मेरे प्रेम को अपना लोगी।लेकिन मैंने कभी जताया ही नहीं जो मेरे ह्रदय में तुम्हारे प्रति था।मेरा प्रेम सीमित था,क्लास की सीटों ,दीवारों और रफ़ कॉपियों पर तुम्हारे संग लिखे मेरे नाम तक।तुम,जिसे मेरे दोस्त भाभी बुलाते थे।पता नहीं क्यूं लेकिन इतना जरूर जानता हूं कि तुम्हारे संग मेरा नाम,तुम्हारी शादी के कार्ड पर भले ही न रहा।लेकिन हमारी क्लास के हर लड़के- लड़की की जुबान पर मेरे साथ तुम्हारा नाम आज भी जोड़ा जाता है।तुम्हारे लिए किए गए मेरे जतन और प्रयत्न मेरे जीवन के सर्वश्रेष्ठ प्रयत्नों में से थे।मैंने 12 वी से पहले हर वैलेंटाइन डे पर तुम्हारे लिए गुलाब खरीदा था लेकिन कभी दिया नहीं था।लेकिन बारहवी में मैंने हिम्मत और पैसे जुटा कर तुम्हे जो गुलाब दिया था वो मेरे जीवन का सबसे बहुमूल्य खर्चा था।तुम्हारी खामोशी ने उस रोज मेरा दिल नहीं बल्कि भ्रम तोड़ा था।वैसे सच बताऊं तो चीजों का बेवजह जुड़े रहने से अच्छा है टूटकर खुद की पहचान बनाना।आज मुझे नहीं पता मैं क्या हूं लेकिन इतना जरूर जानता हूं कि मैं जो भी हूं उसकी वजह तुम हो।....#जलज कुमार राठौर
#happy valentine day @dear_Comrade