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# हिंदी साहित्य# हिंदी कविता। # _____'_______

# हिंदी साहित्य# हिंदी कविता। # 
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माना जीवन समझौता है पर ये कभी कभी होता है।। 
किया यदि समझौता हर पल तब ये कायर पन होता है।। 
आदर्शों से समझौता कर लिया मान गिर जाता है। आदर्शों के दो राहे पर स्वाभिमान घिर जाता है।। 
आदर्श रहित जीवन जीना ही अहंकार कहलाता है। 
ऐसा जीवन स्वयम स्वयं में हो जाता है।। 
आदर्शों का उच्च शिखर यदि मिलता है समझौता करना। 
आदर्शो का मोल लगे  मत स्वाभिमान का सौदा करना।। 
स्वाभिमान बिन जीवन जैसे आदर्शी परिसीमन है। 
स्वाभिमान ही नहीं बचा तो वो जीवन क्या जीवन है।। 
जीवन को सौ बरस न मानो हाँ इसकी कीमत पहचानो। 
एक पल जियो सौ बरस चाहे पर जीवन कोजीवन 
मानो।।
जीवन जैसे दीपक ज्योति सीप में जैसे रहता मोती। 
साँसे कम हों और अधिक हों सांस कभी ना जीवन होती।। 
जिस दीपक के तले अंधेरा उसकी ज्योति करे सवेरा। 
बिन ज्योति  का दीपक कैसा ज्योति से प्रकाश है होता।। 
जलो एक क्षण पर प्रकाश दो ये जीवन तो प्रकाश ही होता। 
ज्योति और प्रकाश दीपक से कभी नहीं करते समझौता।। 
ज्योति और प्रकाश दीपक से ...... 🙏🙏🙏🙏🙏
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           ।। आशुतोष अमन।। 
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©Aashutosh Aman.
  # हिंदी साहित्य# हिंदी कविता। # 
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माना जीवन समझौता है पर ये कभी कभी होता है।। 
किया यदि समझौता हर पल तब ये कायर पन होता है।। 
आदर्शों से समझौता कर लिया मान गिर जाता है। आदर्शों के दो राहे पर स्वाभिमान घिर जाता है।। 
आदर्श रहित जीवन जीना ही अहंकार कहलाता है। 
ऐसा जीवन स्वयम स्वयं में हो जाता है।। 
आदर्शों का उच्च शिखर यदि मिलता है समझौता करना।

# हिंदी साहित्य# हिंदी कविता। # _____'_______&&&&&&- माना जीवन समझौता है पर ये कभी कभी होता है।। किया यदि समझौता हर पल तब ये कायर पन होता है।। आदर्शों से समझौता कर लिया मान गिर जाता है। आदर्शों के दो राहे पर स्वाभिमान घिर जाता है।। आदर्श रहित जीवन जीना ही अहंकार कहलाता है। ऐसा जीवन स्वयम स्वयं में हो जाता है।। आदर्शों का उच्च शिखर यदि मिलता है समझौता करना।

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