#OpenPoetry हिंद का हू वासी मैं , हिंदी मेरी पहचान है | हिंदी मेरी माँ के जैसी, मेरे जीवन का उत्थान है | मैं हूँ कलम का सिपाही, हिंदी आन बान शान है | शब्दों की प्रतियोगिता में, हिंदी मेरी महान है | प्रेम भाव दिया हिंदी ने ,जिसके शब्द शब्द मे जान है | हिंदी में लिख मानस को ,जग में वो तुलसी महान है | राष्ट्र की ही भाषा में, राष्ट्र की पहचान है | गीत लिखो हिंदी में ही, जो दिलों की पुकार है | मंच पर कवि की, हिंदी ढाल और तलवार है | सुनो हिंद के ये वासी की, हिंदी मे पुकार है | #सुनो हिंद के ये वासी की हिन्दी मे पुकार है |मेरी प्यारी हिंदी |