मतलब की हे दुनिया मतलब ही समजती हे अल्फाजो किमत भी पैसौ से ही करती हे, इंन्सानो से ज्यादा जानवरो से प्यार करती हे, झूठी कसमे झूठे वादे यहा रोज निभाती हे, फिल्मी कहानीया यहा करोडो मे कमाती हे, अस्पतालो के सामने कितनी जाने जाती हे, सूरत से कहा पहचान तो कपडो से होती हे, रंगो से तस्वीरे नही पैसो से दिवारे बदलती हे, मुझे तो लगता हे खुदा भी आजकल परेशान हे, इंन्सान बनाने की गलती उस से भी हुई हे, मतलब की हे दुनिया मतलब ही समजती हे... दुनियादारी...