उबलता लहू है जिस्म में पर यह हाथ बंधे है वर्ना तलवार चलानी हमे आती है बहुत खूब ख़ुश्बू के कारोबारी है तो मोअ'त्तर ज़बान है वर्ना ज़बान तुम्हारी हमे आती है बहुत खूब #अरविंदठाकोर #Shayari #Poetry #Life #Hate #lynching #Thoughts #Politics #Society