Nojoto: Largest Storytelling Platform

मेरी कई यात्राएँ निरर्थक सिद्ध हुईं जिनकी शिथिलता

मेरी कई यात्राएँ 
निरर्थक सिद्ध हुईं
जिनकी शिथिलता देह पर 
यथावत है।

हमारे पास विसफलताओं के सदा 
कई स्पष्टीकरण रहे
तभी जीवन में हम
अनेक विकल्प लेकर भी चले।
परंतु स्वयं किसी का विकल्प होना 
हमारा सबसे बड़ा दुःख हुआ।

अमूमन 
दुःख कहने से अधिक 
समझने के हुए 
और इनका न समझा जाना भी
एक दुःख हुआ।

मुझे स्मरण हो आता है, 
तुम्हारा एक गहरी उश्वास के साथ कहना
कि पीड़ा प्रेम का नाद है।
उश्वास का वो स्पर्श
आज भी 
धमनियों में दौड़ जाता है।

सहज नहीं है
स्मृति और स्वप्न का माधुर्य
इनकी  आवृत्ति से 
मेरी देह की सतह पर  
उत्कंठाओं की स्निग्ध गाद 
जम आती है। 

मेरे जीवन में तुम्हारा प्रेम शायद 
किसी वर्षावन का शाप है। 
 --सुनीता डी प्रसाद💐💐











 मेरी कई यात्राएँ 
निरर्थक सिद्ध हुईं
जिनकी शिथिलता देह पर 
यथावत है।

हमारे पास विसफलताओं के सदा 
कई स्पष्टीकरण रहे
तभी जीवन में हम
मेरी कई यात्राएँ 
निरर्थक सिद्ध हुईं
जिनकी शिथिलता देह पर 
यथावत है।

हमारे पास विसफलताओं के सदा 
कई स्पष्टीकरण रहे
तभी जीवन में हम
अनेक विकल्प लेकर भी चले।
परंतु स्वयं किसी का विकल्प होना 
हमारा सबसे बड़ा दुःख हुआ।

अमूमन 
दुःख कहने से अधिक 
समझने के हुए 
और इनका न समझा जाना भी
एक दुःख हुआ।

मुझे स्मरण हो आता है, 
तुम्हारा एक गहरी उश्वास के साथ कहना
कि पीड़ा प्रेम का नाद है।
उश्वास का वो स्पर्श
आज भी 
धमनियों में दौड़ जाता है।

सहज नहीं है
स्मृति और स्वप्न का माधुर्य
इनकी  आवृत्ति से 
मेरी देह की सतह पर  
उत्कंठाओं की स्निग्ध गाद 
जम आती है। 

मेरे जीवन में तुम्हारा प्रेम शायद 
किसी वर्षावन का शाप है। 
 --सुनीता डी प्रसाद💐💐











 मेरी कई यात्राएँ 
निरर्थक सिद्ध हुईं
जिनकी शिथिलता देह पर 
यथावत है।

हमारे पास विसफलताओं के सदा 
कई स्पष्टीकरण रहे
तभी जीवन में हम