तूझ से प्यार हुआ मुझे, पर ना इकरार हुआ मुझे। तूझे कुछ कहने के इंतजार में मेरे बरसो बित गये । ओर हम बेखबर होकर तेरे घर की तरफ नित गये।.... तू आती भी नहीं ओर , अपनी सूरत दिखाती भी नहीं। .... ओर ये आस है कि जाती भी नहीं । कब आओगे ,कब आओगे कह के थक गया में अब तो आ जाओ इस जमाने से पक गया में। -ज्योति गुर्जर .... ... #प्यार .......कविता