ये दस दिन की बाते, दस दिन की याद है, ये साल बीस का, बड़ा खराब निकला यार है। दस को मिलाओ तो दस वापस आए बिसो के बीस का भी यही हाल है। और देखा है ऐसा साल, जो भूलते नहीं जा रहा, अब तो इस को सोच, यादाश्त भी बेहाल है। विशाल गायकवाड ©Afsana Ek Shayar Ka #unique_day #Tarikh #ye_saal