बर्फ से लदे रहते थे जो पहाड़ यारा अब वहाँ उग रही हैं झाड़ हम सोये हैं फिर भी चादर तान के जागोगे नहीं तो लाले पड़ जायेंगे जान के। नजदीक समय है अब महाप्रलय का प्रकृति आँखिर कब तक देगी अभय ©Kamlesh Kandpal #Mhaprlay