लिखना चाहूं रोज़, चाहे दिल रोज़, कभी प्यारी बातें ,कभी दिल का बोझ, कभी दिन की व्यस्तता, समय छीन लेती है, कभी दिल की बात , कागज़ पे नहीं उतरती । कभी आंखों की थकावट, लिखने नहीं देती, और अनकही बातें सोने भी नहीं देती । ये कागज़ कलम से रिश्ता भी कितना अजीब है ! कभी वक़्त नहीं मिलता ,तो कभी शब्द नहीं मिलतें। लिखना चाहूँ... #लिखनाचाहूँ #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi