इस तरह मुझे ना काटों। कि मेरा अस्तित्व खत्म हो जाये॥ इस तरह मुझे ना सुखाओ। कि हरियाली खत्म हो जाये ॥ इस तरह मुझे ना जलाओ। कि मेरी हवा भी ना मिल पाये॥ इस तरह मुझे प्यासा ना रखो। कि भूमि बंजर बन जाये॥ इस तरह मुझे ना नष्ट करो। कि फल फूल को दुनिया तरस जाये॥ इस तरह मुझे ना करो अनदेखा। कि बाद में तस्वीरों मे ही जाऊँ देखा॥ "मानता हूँ! बोलता नहीं पर महसूस मैंने भी किया है। तू ये बता रे मानव मेरे अंगो को काटने का हक तूझे किसने दिया है॥" Prachi tyagi.. #tree #environment day #love nature #love tree