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उस कुम्हार की रातें छीन चुकी है मिट्टी के दीए ब



उस कुम्हार की रातें छीन चुकी है  मिट्टी के दीए बनाने मै
पर बाजार सज चुके है उस विदेशी चीन की सजावटों से
ये दीवाली है साहब कोई मजाक नहीं उस कुम्हार के लिए
पर उन खरीददारों का क्या जो बिक चुके उस बाजार की चकाचौंध में
हां
बाजार सज चुके है
कोई लफ्ज़ नहीं मेरे पास जो अल्फ़ाज़ बन कागज पर लिख सकु मै
 ये दुआ करता हूं आज हर बंदा उस मिट्टी के दीए खरीदे 
जो भर सके उस कुम्हार के घर खुशियों से।।।✍️✍️
  मेरी कलम✍️✍️

 दिवाली है आने वाली
ऐसे में बाज़ार सज चुके हैं।
ख़रीदारी ज़ोरों पर है।
इस दिवाली क्या ख़रीदा जा रहा है।

लिखें YQ DIDI के साथ।

#बाज़ार


उस कुम्हार की रातें छीन चुकी है  मिट्टी के दीए बनाने मै
पर बाजार सज चुके है उस विदेशी चीन की सजावटों से
ये दीवाली है साहब कोई मजाक नहीं उस कुम्हार के लिए
पर उन खरीददारों का क्या जो बिक चुके उस बाजार की चकाचौंध में
हां
बाजार सज चुके है
कोई लफ्ज़ नहीं मेरे पास जो अल्फ़ाज़ बन कागज पर लिख सकु मै
 ये दुआ करता हूं आज हर बंदा उस मिट्टी के दीए खरीदे 
जो भर सके उस कुम्हार के घर खुशियों से।।।✍️✍️
  मेरी कलम✍️✍️

 दिवाली है आने वाली
ऐसे में बाज़ार सज चुके हैं।
ख़रीदारी ज़ोरों पर है।
इस दिवाली क्या ख़रीदा जा रहा है।

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#बाज़ार
jaigupta4833

Jai Gupta

New Creator