यादों में तुम साथ हो मगर इस वक़्त तन्हाईयाँ बहुत है मुझे इश्क़ है तुमसे मगर इस राह में दुश्वारियाँ बहुत है दिल में तेरा बसेरा है मगर घर की ज़िम्मेदारियाँ बहुत है चाहूँ मैं तुझे देखूँ बातें करूँ मगर रस्मों की पहरेदारियाँ बहुत है तेरे ख़याल भर से ख़ुश है मगर इस दिल में बेक़रारियाँ बहुत है। सुनो,तुमने मुझसे दगा किया अगर मर जाने को रुसवाईयाँ बहुत है। यादों में तुम साथ हो मगर इस वक़्त तन्हाईयाँ बहुत है मुझे इश्क़ है तुमसे मगर इस राह में दुश्वारियाँ बहुत है दिल में तेरा बसेरा है मगर घर की ज़िम्मेदारियाँ बहुत है