एक गरीब ने क्या खूब कहा है कि मेरी जरूरत पे सब ने ठुकरा दिया ये सोच कर, कि मैं किसी काम का नहीं, क्योंकि जरूरतें तो लोग अक्सर अमीरों की पुरी किया करते हैं, गरीब की जरूरत