#OpenPoetry हर तरफ करूणा की चीत्कार मिलती है, यहाँ हर रोज मानवता शर्मसार होती है,बीच सडक पर कोई मरता है देखो कोई उठा उसे ना पाता है, खींच तस्वीर फोन से उसे इन्टरनेट पे डाला जाता है, देखो क्या समय आया है मौत का भी तमाशा बनाया जाता है, बेटी को कोख में मारा जाता है,हर रोज बलात्कार किया जाता है,पवित्रता से बंधे रिश्तो को हर रोज शर्मसार किया जाता है,क्या गलती होती है उन मासूमो की जो ये अत्याचार उन पर किया जाता है,क्या इसी डर से उन्हे पैदा होने से पहले ही मार दिया जाता है,पैसे,हवस,स्वार्थ के लिए लोगों को मारा जाता है,इन्सानो की इस दुनिया में हेवानो को बसाया जाता है ।।। रोष है,गुस्सा है पर सब जज़्बात दिल में दबाए बैठा हु,ज्यादा तो मे कर ना पाया बस हालातों को अपनी कलम से बयां कर पाया हूँ ।।।।।।