चिंगारी उठते देखी है बस्ती मै आज फिर कोई घर जलाने वाली है सो रहे है बच्चे बड़े सुकून से क्या पता उन्हें की कयामत आने वाली है फ़िक्र कैसी जब सलामत है अपना ठिकाना भीड़ तो बस तालियां बजाने वाली है सुना था जिसका कोई नहीं उसका रब है ऊपर देख मेघा नीर बरसाने वाली है हार्दिक झा #चिंगारी_उठते_देखा_है #घर_जलाने_वाली