"मैं" और "तुम" (full in caption) शिव की आँख से चला, रुद्राक्ष रूप में ढला, कंठ में आकर रुका, इसके भीतर छुपा, राज़ कुछ जन्मों का, फल कुछ कर्मों का, इस जहाँ से अलग, मांँ के गर्भ से विलग,