#OpenPoetry सोचिएगा जरुर बाहर बारिश का आलम है पतिदेव को पकोडे़ चाहिए बस एक आॅड़र दिया जाता है जाइए जाकर बनाइए फिर कह देतें है भरी महफिल में पत्नियाँ रोमंटिक नहीं होती है कोई जाकर पूछें तो उनसें बरसात के मौसम में कौन सी गर्लफ्रैंड रसोई में खडी़ होती है तुलना उनकी करो जिनकी बराबरी हो इन दोनों का कोई मेल नहीं होता क्योंकि गर्लफ्रैड़ के कंधो पर तुम्हारें परिवार का बोझ नहीं टिका होता। #औरत #माँ #parkha #gya #mujhe #kbhi #smjha #nhi #gya #nojotohindi