Nojoto: Largest Storytelling Platform

#OpenPoetry सोचिएगा जरुर बाहर बारिश का आलम है पत

#OpenPoetry सोचिएगा जरुर

बाहर बारिश का आलम है 
पतिदेव को पकोडे़ चाहिए
बस एक आॅड़र दिया जाता है 
जाइए जाकर बनाइए
फिर कह देतें है भरी महफिल में 
पत्नियाँ रोमंटिक नहीं होती है
कोई जाकर पूछें तो उनसें
बरसात के मौसम में कौन सी गर्लफ्रैंड
रसोई में खडी़ होती है
तुलना उनकी करो जिनकी बराबरी हो
इन दोनों का कोई मेल नहीं होता
क्योंकि गर्लफ्रैड़ के कंधो पर 
तुम्हारें परिवार का बोझ नहीं टिका होता। #औरत #माँ #parkha #gya #mujhe #kbhi #smjha #nhi #gya #nojotohindi
#OpenPoetry सोचिएगा जरुर

बाहर बारिश का आलम है 
पतिदेव को पकोडे़ चाहिए
बस एक आॅड़र दिया जाता है 
जाइए जाकर बनाइए
फिर कह देतें है भरी महफिल में 
पत्नियाँ रोमंटिक नहीं होती है
कोई जाकर पूछें तो उनसें
बरसात के मौसम में कौन सी गर्लफ्रैंड
रसोई में खडी़ होती है
तुलना उनकी करो जिनकी बराबरी हो
इन दोनों का कोई मेल नहीं होता
क्योंकि गर्लफ्रैड़ के कंधो पर 
तुम्हारें परिवार का बोझ नहीं टिका होता। #औरत #माँ #parkha #gya #mujhe #kbhi #smjha #nhi #gya #nojotohindi