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कुछ यादों के साए बड़े उजले-उजले थे क्या खूब चाहतो

कुछ यादों के साए बड़े उजले-उजले थे 
क्या खूब चाहतों के हसीं वो सिलसिले थे 
हां याद है मुझे वो दिन जुदाई का अबतक
थी आखिरी मुलाकात और वो गले मिले थे
                                       M.k.rawat... Shubh_writes Dr.Imran Hassan Barbhuiya manjot Neeraj Mishra Balwinder Pal
कुछ यादों के साए बड़े उजले-उजले थे 
क्या खूब चाहतों के हसीं वो सिलसिले थे 
हां याद है मुझे वो दिन जुदाई का अबतक
थी आखिरी मुलाकात और वो गले मिले थे
                                       M.k.rawat... Shubh_writes Dr.Imran Hassan Barbhuiya manjot Neeraj Mishra Balwinder Pal
mkrawat1507

M K Rawat

New Creator