सुना है दो पल कि जिंदगी है, हाँ, तेरे साथ ही तो हर खुशी है। हर लम्हा इक इल्तेज़ा है मेरी, क्योकि तमन्ना तू ही आखिरी है। मानती हूँ मंजर खुशनुमा है ये, पर तेरे बिना कोई भी पल नही हैं। और यूँ ही हाथ थामना तुम मेरा, तेरे बिना अब कोई मंजिल नही है। .M.S.Writes.... #Manjar....