हँसी जहा तक कानून के हाथ नहीं जाते, जहा तक मजहब का बोडर नहीं बना, जहा तक आज तक कोई इंसान नहीं गया, कोई भी वैज्ञानिक अभी सोचे नहीं होंगे, , 😜😜😜😜वहा तक हम पादने जाते है,😝😝😝😝😝 जहा चाहो वहा पादो