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चाँद बेवफा प्रीतम से कहना जाकर तेरे बिन नहीं दिल ल

चाँद बेवफा प्रीतम से कहना जाकर तेरे बिन नहीं दिल लगता है।
कितने दर्दोगम सहें दिलबर तो संगदिल लगता है।
लगता सब भूले हैं वादे और इरादे इसीलिए मुँह मोड़ा।
न कोई भी आस रही विश्वास रहा सब कुछ हुआ जटिल लगता है।
 ख्वाब सुहाने टूट गए हैं टूट गया नाजुक दिल ।
बिरह की आग में जलते हैं जिन्दा रहना मुश्किल लगता है।
शायर:- शैलेन्द्र सिंह यादव

 #gif शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी जिन्दा रहना मुश्किल लगता है।
चाँद बेवफा प्रीतम से कहना जाकर तेरे बिन नहीं दिल लगता है।
कितने दर्दोगम सहें दिलबर तो संगदिल लगता है।
लगता सब भूले हैं वादे और इरादे इसीलिए मुँह मोड़ा।
न कोई भी आस रही विश्वास रहा सब कुछ हुआ जटिल लगता है।
 ख्वाब सुहाने टूट गए हैं टूट गया नाजुक दिल ।
बिरह की आग में जलते हैं जिन्दा रहना मुश्किल लगता है।
शायर:- शैलेन्द्र सिंह यादव

 #gif शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी जिन्दा रहना मुश्किल लगता है।

शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी जिन्दा रहना मुश्किल लगता है। #Gif