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हुए जब से खफा तुम दिल मेरा बेचैन रहता है, तुम्हारी

हुए जब से खफा तुम दिल मेरा बेचैन रहता है,
तुम्हारी बेरुखी अब तो सनम दिन रैन सहता है ।
खता इतनी सी बस मेरी थी तुमको दिल से चाहा था,
यूँ चाहत को न ठुकराओ दीवाना तुमसे कहता है ।। #समझ नहीं आता क्या लिखूँ#
हुए जब से खफा तुम दिल मेरा बेचैन रहता है,
तुम्हारी बेरुखी अब तो सनम दिन रैन सहता है ।
खता इतनी सी बस मेरी थी तुमको दिल से चाहा था,
यूँ चाहत को न ठुकराओ दीवाना तुमसे कहता है ।। #समझ नहीं आता क्या लिखूँ#

#समझ नहीं आता क्या लिखूँ#