ये जानी पहचानी दस्तक मेरे इख़्तियार में तो है कोई ख़फा है मुझसे मगर इंतज़ार में तो है यही तसल्ली-बख़्श है इनायत उनकी जानते वो भी हैं कि शायरा प्यार में तो है ♥️— % & ʸᵉʰ ʲᵃⁿⁱ⁻ᵖᵉʰᶜʰᵃⁿⁱ ᵈᵃˢᵗᵃᵏ ᵐᵉʳᵉ ⁱᵏʰᵗⁱʸᵃʳ ᵐᵉⁱⁿ ᵗᵒʰ ʰᵃⁱ ᵏᵒⁱ ᵏʰᵃᶠᵃ ʰᵃⁱ ᵐᵘʲʰˢᵉ ᵐᵃᵍᵃʳ ⁱⁿᵗᵉᶻᵃʳ ᵐᵉⁱⁿ ᵗᵒʰ ʰᵃⁱ ʸᵃʰⁱ ᵗᵃˢᵃˡˡⁱ⁻ᵇᵃᵏʰˢʰ ʰᵃⁱⁿ