ए ज़िन्दगी हमे संवारने के लिए तुम्हे शुक्रिया में अभी उम्र की हूं कच्ची और अक्ल की हूं बच्ची मेरे अरमानों को ख्वाबों में तूने सजाया ख्वाबों को पूरा करना मकसद - ए- ज़िन्दगी बताया उस ज़िन्दगी के सफर में कुछ अंजान लोगो से मिला कर उनका आ-जान कहने वाला गंदा रूप दिखाया कुछ अपने लोगो से मिला कर टूट - बिखर कर जुड़ना सिखाया इस सफर की भीड़ में तूने मुझसे अपना नाम छुपाया जिसने मुझे संवारने का फ़र्ज़ निभाया आज मैने उसी ज़िन्दगी को अपने गले लगाया