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यू ही रास्ते में दिखी थी, दिन के पहले पहर में, अजन

यू ही रास्ते में दिखी थी,
दिन के पहले पहर में,
अजनबी थी वो शायद,
मेरे शहर में,
कुछ तलाशती,
अपना आँचल संवारती,
पंखुरियों वाले होंठ को,
दांतो से दबाती,
उसके मस्तक पर शिकन भी,
लाजबाब था,
और उसके इन अदाओं पर,
मेरा फिसलना लगता,
जैसें कोई ख़्वाब था,
क्योंकि फिर वो दिखनी नहीं,
वो अजनबी जो मेरा,
पहला-पहल प्यार था। #अजनबी से प्यार #love #nojotolines #nojotohindi #reltionship #mylove
यू ही रास्ते में दिखी थी,
दिन के पहले पहर में,
अजनबी थी वो शायद,
मेरे शहर में,
कुछ तलाशती,
अपना आँचल संवारती,
पंखुरियों वाले होंठ को,
दांतो से दबाती,
उसके मस्तक पर शिकन भी,
लाजबाब था,
और उसके इन अदाओं पर,
मेरा फिसलना लगता,
जैसें कोई ख़्वाब था,
क्योंकि फिर वो दिखनी नहीं,
वो अजनबी जो मेरा,
पहला-पहल प्यार था। #अजनबी से प्यार #love #nojotolines #nojotohindi #reltionship #mylove