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चाहे लोहा हो या पत्थर टूटते दोनों हैं। जीवन दो पल

चाहे लोहा हो या पत्थर 
टूटते दोनों हैं।
जीवन दो पल का या सालों का
रूकता जरूर है। 
rest in peace of heaven..... 
Shushant Singh Rajput...🌌🌌

READ IN CAPTION... 
 जिंदगी कभी अच्छी नहीं लगती 
जब तक मन शान्त ना हो।
सफ़र भी अच्छा नहीं लगता 
जब तक हम खुश ना हो।
पैसे शौरहत भी अच्छे नहीं लगते 
जब तक किसी का साथ ना हो।
महंगा मकान भी नहीं खिलता 
जब तक लोग साथ ना हो।
चाहे लोहा हो या पत्थर 
टूटते दोनों हैं।
जीवन दो पल का या सालों का
रूकता जरूर है। 
rest in peace of heaven..... 
Shushant Singh Rajput...🌌🌌

READ IN CAPTION... 
 जिंदगी कभी अच्छी नहीं लगती 
जब तक मन शान्त ना हो।
सफ़र भी अच्छा नहीं लगता 
जब तक हम खुश ना हो।
पैसे शौरहत भी अच्छे नहीं लगते 
जब तक किसी का साथ ना हो।
महंगा मकान भी नहीं खिलता 
जब तक लोग साथ ना हो।