प्रिये दादा जी प्रिय दादा जी आप हमारे लिये महल की नीव की तरह है|जो खुद नीचे दबकर हमे अपने से ऊपर उठाने में पूरा सहयोग दिया |और आप महसूस तो हो रहें हैं मग़र आपको देख नहीं सकता जैसे इमारत नीव को देख नहीं सकती | मेरा सभी साथियों से यही निवेदन है कि आप अपने पूर्वजों की दी हुयी मजबूती को हमेशा याद रखें | महल उतना ही ऊंचा बनेगा जितनी मजबूत नीव होगी | #प्रिय दादा जी