ढलते सूरज की मांग है कि अब भी सुबह जैसी सलाम चाहिए ये लोग जो बदलते वक़्त से बदलते हैं हर रोज़ उनका नाम अब बेनाम चाहिए तसल्ली होगी मुझे भी जब उनको उनकी अदा से ढलते देखूंगा मै जलता हू जैसे हर रोज़ वैसे ही उनको भी जलते देखूंगा मै मेरे हर काम का देखो तुम्हारी तरह ही मुझे भी अब इनाम चाहिए ढलते सूरज की मांग है की अब भी सुबह जैसी सलाम चाहिए ©pearlikA #ढलते सूरज की मांग# #ColdMoon MD Verma