#OpenPoetry लगने लगी है डर हमें अब पाज़ेब की झंकार से , उनके बेरुखी से ज्यादा उनके अब इनकार से ! मशवरा देखर चले जाते हैं वो फिर. छोड़कर , अब तो बदबू आती है जलने की उनके प्यार से !! क्या पता उनको मेरी यादें कभी आती नहीं , मेरी तो अब नींद में बस वो नजर आती सदा ! देख के हालत मेरी हसने लगे हैं लोग सब , हो गयी है अब तो मेरी जिंदगी अख़बार सी !! दर्द में जीने की मेरी हो गयी आदत सदा , कोई बताये इसमें मेरी, क्या हुई हमसे खता ! वो तो खुश है आज भी छोड़ के हमको यहाँ , मस्तियों होती है उनकी रोज अब दिलदार से !! :- संतोष 'साग़र' (7764059349) #love #alone #sad #nojotovideo #nojotoesque #nojotosayari #nojotogirl #nojotowow.