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आपकी तकलीफ मुझे अपनी लगती है, आपकी दुआओं से कश्ती

आपकी तकलीफ मुझे अपनी लगती है,
 आपकी दुआओं से कश्ती मेरी चलती है।

न जाने कौन सा डर दिल को सता रहा है,
आप ठीक नहीं पर,दिल मेरा बैठा जा रहा है।

कभी धूप में तप जाऊं ऐसी नौबत ना आपने 
 मुझ तक जाने दी,
सिर पर हाथ रखकर कमी ना कभी मुझे किसी
 चीज की  आने दी।
आपने हर ख्वाहिशों से मेरी झोली भर दी,
 हर जख्म पर मेरे मल्हम पट्टी कर दी।

आपके अरमान पूरे करने का मौका दीजिए,
यू हिम्मत हार कर मुझे कमजोर ना कीजिए।
                                    _ज्योति गुर्जर #बागवान
आपकी तकलीफ मुझे अपनी लगती है,
 आपकी दुआओं से कश्ती मेरी चलती है।

न जाने कौन सा डर दिल को सता रहा है,
आप ठीक नहीं पर,दिल मेरा बैठा जा रहा है।

कभी धूप में तप जाऊं ऐसी नौबत ना आपने 
 मुझ तक जाने दी,
सिर पर हाथ रखकर कमी ना कभी मुझे किसी
 चीज की  आने दी।
आपने हर ख्वाहिशों से मेरी झोली भर दी,
 हर जख्म पर मेरे मल्हम पट्टी कर दी।

आपके अरमान पूरे करने का मौका दीजिए,
यू हिम्मत हार कर मुझे कमजोर ना कीजिए।
                                    _ज्योति गुर्जर #बागवान
janviigurjar7511

jyoti gurjar

Bronze Star
New Creator