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पहचान.... गुम है.. शब्दों से परेय है, विचार क्षीर्

पहचान....
गुम है..
शब्दों से परेय है,
विचार क्षीर्ण हैं,
प्रश्नों का कोई जवाब नहीं है,
दुविधाओं का कोई छोर नहीं है,
हृदय कुंठित है
मन आहत है
कविताओं को पंक्तियां नहीं मिल रहीं हैं
चेहरा और इस पर आए भाव बनावटी हैं
हम हैं... पर हम नहीं हैं...
पहचान...
गुम है...

~ वैष्णवी मिश्रा





।

©Vaishnavi Mishra #selflove 
#identity 
#identitycrisis
पहचान....
गुम है..
शब्दों से परेय है,
विचार क्षीर्ण हैं,
प्रश्नों का कोई जवाब नहीं है,
दुविधाओं का कोई छोर नहीं है,
हृदय कुंठित है
मन आहत है
कविताओं को पंक्तियां नहीं मिल रहीं हैं
चेहरा और इस पर आए भाव बनावटी हैं
हम हैं... पर हम नहीं हैं...
पहचान...
गुम है...

~ वैष्णवी मिश्रा





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©Vaishnavi Mishra #selflove 
#identity 
#identitycrisis