मेरे हर श्वास में तुम मेरे अडिग विश्वास में तुम मेरे जीवन की हर आस में तुम। बस दिखते ही तो नहीं हो पर हो मेरे आस पास तुम।।1।। मैं धरा सी क़ैद हूँ बस इन दुनियादारी की रस्मों में और असीम आकाश तुम। मैं चलती हूँ तेरी राहों में और एक अनंत उड़ान तुम। बस दिखते ही तो नहीं हो पर हो मेरे आस पास तुम।।2।। जब जब मैंने कदम बढ़ाया तेरा हाथ अपने हाथ में पाया। आवाज़ देने से पहले ही आके थाम लेते हो तुम। बस दिखते ही तो नहीं हो पर हो मेरे आस पास तुम।।3।। मेरे हमदम मेरे हमकदम भी तुम। मेरे हमसफर मेरी मंज़िल भी तुम । मैं कब तन्हा होती हूँ मेरी फुरसत भी तुम मेरी मशरूफियत भी तुम। बस दिखते ही तो नहीं हो पर हो मेरे आस पास तुम।।4।। जब जब मैंने कहीं कोई दीप जलाया। किसी को मान दिया किसी मंदिर पे शीश झुकाया।। वो सीख थी तुम्हारी वो संस्कार थे तुम। अंधकार थे हम और प्रकाश हो तुम।। सदा साथ हो तुम बस दिखते ही तो नहीं हो पर हो मेरे आस पास तुम ।।5।। मेरी आदत में तुम मेरी चाहत में तुम। मेरी ज़रूरत में तुम मेरी संतुष्टि में तुम। अब राधा रहूँ या मैं मीरा बनूँ मेरे प्रेम में भी तुम मेरी भक्ति में भी तुम।।6।। एक साज़ तो हूँ एक आवाज़ भी हूँ पर मेरे संगीत हो तुम। जीव हूँ मैं और मेरे जीवन हो तुम। बस दिखते ही तो नहीं हो पर हो मेरे आस पास तुम।।7।। तुम्हारे जन्मदिन पे तुमसे ये कहती हूँ कोई मुझको द्वेष नहीं। कोई तृष्णा मेरी शेष नहीं तुम्हारी यादों से बतियाती हूँ तुम्हारी बातों से मुस्काती हूँ हर दम तुमको खुद में ही पाती हूँ। मेरे परम आनंद हो तुम। बस दिखते ही तो नहीं हो पर हो मेरे आस पास तुम।।8।। ©Vikas Gupta मेरे आस पास हो तुम #mylife