एक बात कहूं, यह राज़ हैं गहरे यह दूरीयाँ, यह ज़माने का डर, यह आधी रात का हसीन पहर, मुझ पर तेरी मोहब्बतों का असर। इश्क में यूं मदहोश हुए हैं, ना जीवंत रहे ना मोए हैं, हम अपनी ही धुन में खोए हैं, जब से तेरे इश्क़ के पहरे हुए हैं। ♥️ Challenge-527 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।