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सब याद होकर भी मुझको, ना जाने क्यों कुछ याद नहीं ह

सब याद होकर भी मुझको,
ना जाने क्यों कुछ याद नहीं है।

है शोर बहुत अंतर्मन में,
पर कोई क्यों आवाज नहीं हैं।

है भीड़ हजारों की लेकिन,
कोई भी मेरे साथ नहीं है 

थक चुका भले ही अंतर्मन,
पर मुझको कोई आराम नहीं है।

©Tanya Sharma (लम्हा)
  बस ना जाने क्या😅
usssharma6827

Lamha

Bronze Star
New Creator

बस ना जाने क्या😅 #Poetry

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