शब को हुई सहर को भूल गए मेरे तुम्हारे दरमियॉ हुई ये बात इतनी भी मुख़्तसर नहीं.... कि तुम्हारे जाने के बाद दिल केे शहर का मौसम कुछ यूँ रहा की यहाँ रातें तो होती रही मगर सहर नहीं.... *शब-रात *सहर-सुबह *मुख़्तसर-छोटा/संक्षिप्त *दरमियॉ-बीच ©Chanchal Chaturvedi #मुख्तसर #Chanchal_mann #nazm #poetry #hindi_poetry #Silence