उसने मुझे मनाना जरूरी समझा ही नहीं अहंकार से ऊपर प्रेम को सजाना जरूरी समझा ही नहीं हर बार मैं ही भूल जाऊ क्यूं उसकी गलतियों को मेरी गलतियों के साथ मुझे स्वीकारना क्यूं उस्ने सिखा नही रिश्ता उसका भी है और मैं भी फिर क्यों उसने हमे बचाना जरूरी समझ नही सब कुछ सिर्फ मैं ही समझू ये जरूरी है क्या आख़िर इक औरत भी एक इंसान है ये क्यों किसी ने समझा ही नही ©कनिष्का #betrayel #betrayal