एक भी आरजू पूरी नहीं हुई मेरी,क्या बच्चा होकर मर जाऊं ये भूख प्यास तड़पाती है मुझको बता मैं किसके घर जाऊं रोटी और कपड़े को तरसू कैसी तेरी खुदगर्जी है मैं ठोकर खाकर मर जाऊं क्या तेरी यही मर्जी है ©naviin #hungerindex107 #Childhood