लाईट कट गई है उस पर कुछ लाईन 👇 बगैर बिजली के कैसा है जीना। जिस्म तर ब तर पसीना। ऐ लाईट काटने वाले रोशन कर शहर को। सुबह शाम रात लाईट दो दोपहर को। क्यों काटते हो लाईट रात को। चुभन होती है जज्बात को। बैठे है जो बिजली घर के तख्त पर। लाईट दीजिए वक्त पर ✍️सददाम कलमकार #DryTree लाईट कट गई है उस पर कुछ लाईन 👇